कब जागेगा प्रशासन? रोजाना हो रहे हैं भयानक हादसे!
Batala शहर में एक और दर्दनाक सड़क हादसे ने प्रशासन की नींद उड़ाने के लिए एक और मौका दे दिया, लेकिन अफसोस कि जिम्मेदार अफसर शायद अब भी सो रहे हैं! 13 फरवरी को हुए इस भीषण हादसे में एक नौजवान की मौत हो गई, जो दो दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ता रहा और आखिरकार 15 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया।
यही नहीं, डेढ़ महीने पहले इसी जगह पर तीन लोगों की जान जा चुकी है! और अगर प्रशासन ने अब भी आंखें नहीं खोलीं, तो यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा!
बटाला का “मौत का मोड़”!
source : News18 Punjab
यह हादसा हॉकी प्लेयर सरदार सुरजीत सिंह रंधावा की मूर्ति के पास हुआ, जहां पहले से ही सड़क हादसों की भरमार है। 4 मई 2023 को भी इसी जगह पर विशाल पुत्र तरसेम सिंह वासी मान नगर की सड़क हादसे में जान गई थी और अब 13 फरवरी 2025 को फिर एक जिंदगी खत्म हो गई।
मामला क्या है?
जब सरकार ने विशाल मेगा मार्ट के पास पुल बनाया तो लोगों को लगा कि ट्रैफिक से राहत मिलेगी, लेकिन यह पुल अब हादसों का गढ़ बन चुका है। वजह? योजनाहीन सड़क डिजाइन, प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही!
यहां दो सड़कें मिलती हैं, एक जो लव कुश चौक से पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम की ओर जाती है, और दूसरी शिव कुमार ऑडिटोरियम से होकर नए पुल से फव्वारा चौक को जोड़ती है।
लेकिन इन सड़कों को वन-वे घोषित नहीं किया गया!
डिवाइडर नहीं है, बैरिकेडिंग नहीं है, स्पीड ब्रेकर तक नहीं लगे!
नतीजा? दोनों दिशाओं से गाड़ियां आती हैं, लोग रॉन्ग साइड चलाते हैं, शिव कुमार ऑडिटोरियम से होकर नए पुल से फव्वारा चौक को जोड़ता है। वह सड़क ऊंची है । दूसरी ओर एक जो लव कुश चौक से पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम की ओर जाती है । वह सड़क काफी नीचे है । बीच में बुत लगे होने की वजह से सामने सड़क दिखाई नहीं देती .
वही और रोज़ एक्सीडेंट होते हैं।
कैसे हुआ ताजा हादसा?
13 फरवरी की रात करीब 10 बजे सिंबल चौक के रहने वाले रोहित और उसके दोस्त स्कूटी पर जा रहे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने सड़क पार करने की कोशिश की, एक तेज़ रफ्तार मोटरसाइकिल ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।
इस टक्कर में तीनों युवक बुरी तरह घायल हुए, और इलाज के दौरान 15 फरवरी की सुबह रोहित ने दम तोड़ दिया।

यह कोई पहला हादसा नहीं है! 4 मई 2023 को भी ऐसी ही दुर्घटना में तीन नौजवानों की जान चली गई थी।
दुकानदारों और स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा!
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा –
“हम रोज़ देखते हैं कि इस जगह पर हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन के कानों तक जूं तक नहीं रेंगती!”
“अगर सरकार हमारी सुरक्षा नहीं कर सकती, तो कम से कम हमें बता दे, हम खुद सड़क पर बैरिकेडिंग लगा देंगे!”
“पहले भी बैरिकेडिंग लगाई गई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद हटा दी गई! क्या लोगों की जान की कोई कीमत नहीं?”
अब क्या चाहिए?
स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने प्रशासन से तुरंत ये कदम उठाने की मांग की है:
- इस सड़क को वन-वे घोषित किया जाए।
- बीच में पक्के डिवाइडर बनाए जाएं।
- रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई जाए।
- स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।
- सड़क पर सही लाइटिंग की जाए ताकि रात में हादसे न हों।
प्रशासन को कब होगी अक्ल?
अब सवाल यह है कि क्या बटाला नगर निगम और प्रशासन इस बार जागेगा? या फिर जब अगला बड़ा हादसा होगा, तब फिर से सरकारी मशीनरी सिर्फ “जांच के आदेश” देकर सो जाएगी?
अगर इस सड़क को तुरंत ब्लैक स्पॉट घोषित नहीं किया गया और जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो यह साफ है कि Batala प्रशासन खुद इन हादसों का जिम्मेदार है!
क्या Batala प्रशासन अब भी सोता रहेगा या कार्रवाई करेगा? जवाब जल्द ही सामने आ जाएगा… या फिर अगली खबर किसी और निर्दोष की मौत की होगी!
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