मोहाली: पंजाब में अवैध खनन का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता माणिक गोयल ने बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि छतबीड़ चिड़ियाघर के पीछे ‘बनूर कैनाल डैम’ पर फिर से धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से पंजाब के संसाधनों की खुली लूट हो रही है और खनन मंत्री की चुप्पी इस खेल का सबसे बड़ा सबूत है।
रेत की ‘लूट’ का नया पर्दाफाश
माणिक गोयल ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने अवैध खनन के पुख्ता सबूत जारी किए थे। इसके बाद प्रशासन ने सफाई दी थी कि यह ठेका सिर्फ नदी की सफाई के लिए दिया गया है और खनन नहीं हो रहा है। डीसी मोहाली ने कई प्रेस नोट जारी कर निगरानी का दावा किया था, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर निकली।
“नदी की सफाई के नाम पर हो रही खुली चोरी!”
गोयल ने कहा कि उनकी टीम ने आज सुबह 11 बजे मौके पर जाकर जांच की। वहां नदी से करीब 100 मीटर दूर सूखी जमीन पर कई पोकलेन मशीनें चल रही थीं और दर्जनों टिप्पर रेत से भरे जा रहे थे। सवाल ये उठता है कि अगर ठेका सिर्फ नदी की सफाई के लिए दिया गया था, तो फिर नदी से दूर की ज़मीन क्यों खोदी जा रही थी?
“प्रशासन की कथनी और करनी में फर्क”
माणिक गोयल ने आगे बताया कि जब दोपहर 4 बजे उनकी टीम ने दोबारा इस जगह का दौरा किया, तो फिर से वही अवैध खनन होते देखा गया। “डीसी मोहाली का दावा है कि जिले में सिर्फ डिसिल्टिंग (गाद हटाने) का ठेका दिया गया है, तो फिर सूखी रेत यहां से कहां से आई?” उन्होंने आरोप लगाया कि इस रेत का इस्तेमाल ‘लल्ली से लांडरा’ तक बन रही नई सड़क में किया जा रहा है।
“NGT तक जाएगी शिकायत”
माणिक गोयल ने कहा कि सरकार और प्रशासन की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और खनन मंत्री बरिंदर गोयल से सवाल किया कि उनकी ‘कट्टर ईमानदारी’ कहां गई? क्या उन्हें उनके ही विधायक और प्रशासनिक अधिकारी गुमराह कर रहे हैं, या फिर वे खुद भी इस खेल का हिस्सा हैं?
उन्होंने बताया कि इस अवैध खनन को लेकर उन्होंने पहले ही “पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली” में शिकायत दर्ज कराई थी और अब जल्द ही वे इस मामले को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में भी शिकायत दर्ज करेंगे।
“रेत माफिया पर कब होगी कार्रवाई?”
इस पूरे मामले के बाद अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इस अवैध खनन पर कोई ठोस कार्रवाई करेगी या फिर ये ‘रेत की लूट’ यूं ही जारी रहेगी? पंजाब की जनता इस जवाब का इंतजार कर रही है!